History of Hyundai: पहली कार 2.99 लाख रुपये में, फिर IPO भी शानदार…! कोरिया की History of Hyundai दिलचस्प है।

History of Hyundai : नब्बे के दशक में Hyundai ने भारत में प्रवेश किया, तो मारुति सुजुकी, प्रीमियर, हिंदुस्तान मोटर्स, टाटा और महिंद्रा जैसी कंपनियाँ बाजार पर अग्रणी थीं। लेकिन एक कार ने Hyundai को देश का दूसरा सबसे बड़ा कार निर्माता बनाया। Hyundai की दिलचस्प कहानी पढ़ें।

दक्षिण कोरियाई कार निर्माता Hyundai ने भारत में “नई सोच, नई संभावनाएँ” (अंग्रेजी में “न्यू थिंकिंग, न्यू पॉसिबिलिटीज़”) के स्लोगन से प्रवेश किया। नब्बे के दशक में Hyundai ने भारत में कारोबार की संभावनाओं को देखते हुए घोषणा की, तब मारुति सुजुकी, प्रीमियर, हिंदुस्तान मोटर्स, टाटा और महिंद्रा जैसी कंपनियाँ भारत में बाजार पर अग्रणी थीं। लेकिन धीरे-धीरे ये कंपनी भारतीयों में इतनी लोकप्रिय हो गई कि अब देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी बन गई।

हुंडई को नए मुल्क में किसी मेहमान की तरह एंट्री से लेकर नंबर दो तक का सफर बहुत कठिन था। हाल ही में कंपनी ने 3.3 बिलियन डॉलर (लगभग 27,870.16 करोड़ रुपये) का सबसे बड़ा IPO हासिल किया है, जो भारतीय इतिहास में कभी नहीं हुआ था। Hyundai की दिलचस्प कहानी है, जो लगभग 28 साल पहले भारत में छोटी कार से शुरू हुई। हम History of Hyundai देखते हैं और देखते हैं कि वह आज इस मुकाम पर कैसे पहुंची।

हिंदुस्तान मोटर्स, टाटा, महिंद्रा और मारुति सुजुकी जैसे देशी कार कंपनियों का जलवा नब्बे के दशक में भारत में आया था। 6 मई 1996 को, Hyundai मोटर इंडिया नामक साउथ कोरियन कार निर्माता ने एशिया के एक बड़े हिस्से में अपनी यात्रा शुरू की। यही दिन कंपनी ने तमिलनाडु में अपना पहला प्लांट खोला। होंडा, फोर्ड और ओपल जैसी कंपनियों ने महज एक साल पहले ही भारत में एंट्री की थी।

History of Hyundai

पहली कार लॉन्च:

Hyundai ने भारत में आने से पहले ही व्यापक अध्ययन कर लिया था, जिससे वह जानती थी कि यहां के बाजार में सफल होने के लिए आम लोगों की सराहना आवश्यक है। यह सोचकर Hyundai ने 23 सितंबर 1998 को अपनी पहली कार Hyundai सैंट्रो हैचबैक को लॉन्च किया। यह छोटी कार बाजार में आते ही सफल हो गई और मारुति कार का सपना देखने वाले भारतीयों के लिए एक नया विकल्प बन गई।

छोटी कार ने बड़ी तस्वीर बनाई: 1998

Hyundai के ग्लोबल मॉडल Atos पर आधारित सैंट्रो में 1.1 लीटर का पेट्रोल इंजन लगाया गया था। उस दौर में ये कार एक आइडियल सिटी कार थी क्योंकि यह छोटी थी और सुंदर भी थी। Hyundai ने अपनी पहली कार को भारत में शुरुआती 2.99 लाख रुपये में पेश किया था। इस कार का सीधा मुकाबला मारुति 800 था, जो इस सेग्मेंट की सर्वश्रेष्ठ सेलिंग कार थी।

सैंट्रो की कहानी बढ़ती गई और कंपनी ने बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता शाहरूख खान को अपने विज्ञापनों में शामिल करना शुरू किया। इस कार को शाहरूख खान की लोकप्रियता भी मिली, जिससे यह देश भर में लोकप्रिय हो गया। इस कार के नाम के पीछे भी एक रोचक कहानी है। वास्तव में, सैंट्रो का नाम दक्षिण फ्रांस के एक शहर Saint-Tropez (Sain-Tro) से मिलकर बना है।

1999 में, मारुति सुजुकी के बाद भारत में सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति Hyundai बन गई। 31 मार्च 1999 को Hyundai मोटर इंडिया ने पहली बार घोषणा की। अब दूसरे देशों के नेताओं को पता चला कि बाजार में एक नया लेकिन खतरनाक प्रतिद्वंदी आ चुका है।

सेडान सेग्मेंट में शामिल होना: 1999 ई।

Hyundai ने भारत में अपनी पहली सेडान कार Hyundai एक्सेंट को 14 अक्टूबर 1999 को लॉन्च किया। Sansero की सफलता के बाद, Accent भी कंपनी के लिए बहुत अच्छा था। एक्सेंट SUV और हैचबैक में बहुत लोकप्रिय है। 1.5-लीटर चार सिलिंडर वाली सेडान की शुरुआती कीमत महज 3.75 लाख रुपये थी। आज भी एक हैचबैक कार इतनी कम कीमत में नहीं मिलेगी।

नवीनतम माइलस्टोन वर्ष: 2000

भारतीय कार बाजार नई सदी की शुरुआत में बड़े बदलाव से गुजर रहा था। ये वर्ष Hyundai के लिए भी काफी अच्छा था। Hyundai ने भारत में अपनी पहली 1 लाखवीं कार 27 अप्रैल 2000 को चेन्नई प्लांट से रोलआउट की। 12 जून को कंपनी ने सैंट्रो की 1 लाख यूनिट्स की बिक्री की घोषणा की। 29 नवंबर को Hyundai ने अपनी 1.5 लाखवीं कार को लॉन्च किया, जो कंपनी की बाजार में लगातार मजबूत होती दिखाई दी।

Ultralight sedan लॉन्च: 2001 ई।

Hyundai ने एक स्लो बर्नर की तरह काम किया। सैंट्रो की तरह, वह बज़ट कार से ब्रांड का चस्का लगाकर आंच को धीरे-धीरे तेज कर रही थी। साथ ही, भारतीय ग्राहकों के बीच कारों के प्रति बढ़ती रुचि ने भी कंपनी को बढ़ावा दिया। 18 जुलाई 2001 को Hyundai ने भारत में अपनी शानदार सुपर लग्जरी कार Hyundai Sonata को पेश किया। उस समय, इस कार की शुरुआती कीमत 11.99 लाख रुपये थी, जिसमें एक से अधिक अत्याधुनिक फीचर्स थे।

History of Hyundai

Hyundai Sonata अपने आकर्षक दिखने के साथ-साथ अपने आधुनिक फीचर्स के लिए प्रसिद्ध है। इस कार में 2.4 लीटर MPFi पेट्रोल इंजन है, जिसमें पावर स्टीयरिंग, पावर विंडो, इलेक्ट्रिकली एड्जेस्टेबल मिरर, एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) और प्रीमियम अपहोल्स्ट्री हैं। जो उस समय आम ग्राहकों के लिए पूरी तरह से नया था। इस कार ने Hyundai को एक शक्तिशाली कार बनाने में मदद की।

2003 में SUV श्रेणी में प्रवेश

अब तक Hyundai ने बाजार में अपनी पकड़ बना ली थी और पूरी तरह से नए अवसरों के लिए तैयार थी। 4 अगस्त 2003 को, कंपनी ने अपने प्रीमियम SUV Terracan को स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल श्रेणी में उतारा। 3.0 लीटर डीजल इंजन से लैस इस SUV की पहली कीमत 18 लाख रुपये थी। इस कार को लैडर फ्रेच चेसिस पर बनाया गया था, जिसमें ऑल-व्हील-ड्राइव (AWD) सिस्टम भी था। साल के अंत में दिसंबर में कंपनी ने 5 लाखवीं कार बनाने की घोषणा की।

शक्तिशाली प्रीमियम हैचबैक: 2004 2004 में 

कंपनी ने दो नई गाड़ी पेश कीं। Elantra सेडान, जो अप्रैल में पेश किया गया था, आगे चलकर बहुत अच्छा काम नहीं कर सका। लेकिन 10 सितंबर को Getz को देश का प्रीमियम हैचबैक बनाया गया। कम्पनी ने इस कार में 1.4 लीटर का पेट्रोल इंजन लगाया, जो आजकल कॉम्पैक्ट एसयूवी कारों में देखा जाता है। उस वक्त इस कार की पहली कीमत 4.50 लाख रुपये थी। ऊंची कीमत के कारण ये कार भी कुछ खास नहीं कर सकी।

i10 और i20 में नवीनतम विवरण: 2007-08 वर्ष

पिछले कुछ वर्षों में Hyundai ने भारतीय ग्राहकों की आवश्यकताएं समझी हैं। इसलिए कंपनी ने 31 अक्टूबर 2007 को अपनी नई i10 हैचबैक को पेश किया। इस कार ने अपने आकर्षक दिखने के कारण उस वक्त मारुति सुजुकी से कड़ी टक्कर दी। भारतीय परिवारों में ये कार महज 3.82 लाख रुपये की शुरुआती कीमत में बहुत लोकप्रिय हुई।

History of Hyundai

दूसरी ओर, गेट्ज की असफलता ने कंपनी को निराश किया, लेकिन यह प्रीमियम हैचबैक सेग्मेंट का अंत नहीं था। अगले साल, 29 दिसंबर 2008 को, कंपनी ने अपनी नई प्रीमियम हैचबैक कार i20 को लॉन्च किया। इन दोनों कारों ने Hyundai को नई रफ्तार दी और कंपनी ने विदेशों में अपनी कारों को बेचने लगे। 22 फरवरी 2010 को कंपनी ने 10 लाख कारों की सबसे तेज बिक्री घोषित की।

आम ग्राहकों के साथ रहे: 2010

Hyundai ने अब तक भारत में दस साल से अधिक समय बिताया है। सेंटा-फे जैसे लग्ज़री वाहनों ने सैंट्रो से शुरू हुई यात्रा पूरी की। लेकिन Hyundai इस बात से वाकीफ थी कि मिडल-क्लॉस का इस मशहूरियत में कितना महत्वपूर्ण योगदान है।

इस बात को ध्यान में रखते हुए, कंपनी ने 13 अक्टूबर 2011 को दुनिया भर में अपनी सबसे सस्ती कार, EON, लॉन्च की। यह मारुति ऑल्टो 800 का सीधा प्रतिद्वंद्वी था। इस कार की पहली कीमत 2.96 लाख रुपये थी। 17 अक्टूबर 2013 को, कंपनी ने लगातार नए मॉडलों को पेश करने के साथ 50 लाखवीं कार बनाने का घोषणा की।

नया सफर शुरू करने के लिए SUV पर फोकस :2016

2015 में, भारतीय कार खरीदारों की परीक्षा तेजी से बदल गई अब तक,कई विदेशी कंपनियों ने नए सेग्मेंट की शुरुआत के साथ बाजार में कंम्पटीशन बढ़ा दिया है 21 जुलाई 2015 को Hyundai ने अपनी नई CRETA भी शुरू की टाटा मोटर्स, फोर्ड, महिंद्रा और टोयोटा जैसे कार कंपनियों ने हैचबैक और सेडान सेग्मेंट में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया था।

लेकिन क्रेटा इतना लोकप्रिय हुआ कि अब तक 10 लाख से अधिक इकाइयों की बिक्री हो चुकी है बाद में, कंपनी ने अपनी नई Venue को पेश किया और पिछले साल Exter को भी पेश किया 28 सालों में Hyundai ने भारतीय ग्राहकों के बीच जो स्थान बनाया है, वह हर किसी के लिए नहीं है आज भी Hyundai दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता है और टाटा मोटर्स से कंपनी को कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलती रहती है।

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